70 Motivational Osho Quotes in Hindi
आध्यात्मिक गुरु ओशो जीवन की सचाई पर अपने विचार बताते हैं। ओशो एक प्रखर वक्ता और धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे। इनके विचारों का बोलबाला भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में हैं।
केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं प्रेम कर सकते हैं.
एक भीड़, एक राष्ट्र, एक धर्म, एक जाति का नहीं पूरे अस्तित्व का हिस्सा बनो. अपने को छोटी चीज़ों के लिए क्यों सीमित करना सब संपूर्ण उपलब्ध है?
यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है. हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है.
सत्य कुछ बाहरी नही है जिसे खोजा जाना है, ये कुछ अंदरूनी है जिसका एहसास किया जाना है.
जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता. और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है – मनुष्य अधिकार चाहता है.
अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये.
जितनी ज़्यादा ग़लतियां हो सकें उतनी ज़्यादा ग़लतियां करो. बस एक बात याद रखना: फिर से वही ग़लती मत करना. और देखना, तुम प्रगति कर रहे होगे.
कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.
जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है.
जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है.
मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं. बुद्धिमत्ता खुद पर.
तलाशो मत, पूछो मत, ढूंढो मत, खटखटाओ मत, मांगो मत – शांत हो जाओ. तुम शांत हो जाओगे – वो आ जाएगा. तुम शांत हो जाओगे – उसे यहीं पाओगे. तुम शांत हो जाओगे तो अपने को उसके साथ झूलते हुए पाओगे.
उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये. उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये. उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये.
किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है. आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं. खुद को स्वीकारिये.
इससे पहले कि तुम चीजों की इच्छा करो, थोड़ा सोच लो. हर संभावना है कि इच्छा पूरी हो जाए, और फिर तुम कष्ट भुगतो.
मित्रता शुद्धतम प्रेम है. ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता , कोई शर्त नहीं होती , जहां बस देने में आनंद आता है.
आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों को प्रेम कर सकते हैं- इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जायेंगे, और कहेंगे,” अब मेरे पास प्रेम नहीं है”. जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते.
सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट , सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है.
कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है- उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है.
यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं. ध्यान दर्पण में देखने की कला है. और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती.
जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है- क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज. अब आप एक मृत जीवन जियेंगे.
कैद के अलावा कुछ भी दुःख नहीं है.
सुख का लालच ही नए दुख को जन्म देता है।
आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सबकुछ है, यही बिलकुल सही है , बस यही है. आत्मज्ञान कोई उप्लाब्धि नही है, यह ये जानना है कि ना कुछ पाना है और ना कहीं जाना है.
जेन एकमात्र धर्म है जो एकाएक आत्मज्ञान सीखता है. इसका कहना है कि आत्मज्ञान में समय नह लगता, ये बस कुछ ही क्षणों में हो सकता है.
आप बाहरी रूप को बदलते हुए कई जिंदगियां लगा देंगे फिर भी कभी संतुष्ट नहीं हो पायेंगे, जबतक कि भीतर बदलाव नहीं होगा, बाहर कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है.
जो ‘जानता’ है वो जानता है कि बताने की कोई ज़रूरत नहीं. जानना काफ़ी है.
खुद को वैसे स्वीकार करें जैसे आप हैं. और ये दुनिया का सबसे कठिन काम है, क्योंकि, ये आपकी ट्रेनिंग, एजुकेशन, और कल्चर के खिलाफ है.
अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं . और चूँकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं , इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं.
जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है , आपकी क्षमताएं अनंत हैं.
प्रेम एक आध्यात्मिक घटना है, वासना भौतिक. अहंकार मनोवैज्ञानिक है, प्रेम आध्यात्मिक.
आप वो बन जाते हैं जो आप सोचते हैं कि आप हैं.
बड़ा मुश्किल है उस इंसान को समझना, जो जानता सब कुछ है पर बोलता कुछ भी नहीं।
शेयर करना सबसे मूल्यवान धार्मिक अनुभव है. शेयर करना अच्छा है.
जेन लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है; उनमे डर नहीं है.
खुद में जीवन का कोई अर्थ नहीं. जीवन अर्थ बनाने का अवसर है.
अपने मन में जाओ, अपने मन का विश्लेषण करो. कहीं न कहीं तुमने खुद को धोखा दिया है.
प्रसन्नता सद्भाव की छाया है; वो सद्भाव का पीछा करती है. प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है.
ये इम्पेर्फेक्ट है, और इसीलिए ये ग्रो कर रहा है; अगर ये परफेक्ट होता तो ये मर चुका होता. ग्रोथ तभी संभव है जब इम्पेर्फेक्शन हो.
जीवन कोई त्रासदी नहीं है; ये एक हास्य है. जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना.
अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए. जीवन को मजे के रूप में लीजिये – क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है.
जीवन नियमों के बिना अस्तित्व में है; खेल नियमों के बिना अस्तित्व में नहीं हो सकते. केवल झूठे धर्मों के नियम होते हैं, क्योंकि झूठे धर्म एक खेल हैं.
शामिल करो और बढ़ो. शामिल करो और विस्तार करो.
आकाश में एक अकेले ऊँचे शिखर की तरह रहो. तुम्हे किसी का हो! चीजें किसी की होती हैं!
कल पर विजय पाने के लिए मौन से बड़ा कोई शस्त्र नहीं है।
इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र किसी की पहचान के मोहताज नहीं। ये चारों अपना परिचय स्वयं देते है।
सम्बन्ध उनकी ज़रुरत हैं जो अकेले नहीं रह सकते.
मनुष्य का हमेशा डर के माध्यम से शोषण किया जाता है.
गंभीरता एक बीमारी है, आत्मा की सबसे बड़ी बीमारी और चंचलता सबसे बड़ी सेहत है.
कभी ये मत पूछो, ” मेरा सच्चा दोस्त कौन है?” पूछो, “क्या मैं किसी का सच्चा दोस्त हूँ?” ये सही प्रश्न है.
ये मायने नहीं रखता है कि आप गुलाब हैं या कमला हैं या मैरीगोल्ड हैं. मायने ये रखता है कि आप कुसुमित हो रहे हैं.
खुद को खोजिये, नहीं तो आपको दुसरे लोगों के राय पर निर्भर रहना पड़ेगा जो खुद को नहीं जानते.
क्योंकि कोई आपको नफरत के बारे में पढ़ाता नहीं है, इसलिए नफरत एकदम शुद्ध, बिना मिलावट के रह गयी है. जब कोई आपसे नफरत करता है, आप भरोसा कर सकते हैं कि वो आपसे नफरत करता है.
अगर आप बिना प्रेम के काम करते हैं तो आप एक गुलाम की तरह काम कर रहे हैं. जब आप प्रेम के साथ काम करते हैं, तब आप एक राजा की तरह काम करते हैं. आपका काम आपकी ख़ुशी है, आपका काम आपका डांस है.
अपनी यूनीकनेस का सम्मान करें, और तुलना करना छोडें. आप जो हैं उसमे रिलैक्स रहें.
नहीं, मैं अपने लोगों को लाठियां नहीं देना चाहता. मैं उन्हें आँखें देना चाहता हूँ.
प्रेम तब खुश होता है जब वो कुछ दे पाता है. अहंकार तब खुश होता है जब वो कुछ ले पाता है.
एक गंभीर व्यक्ति कभी मासूम नहीं हो सकता, और जो मासूम है वो कभी गंभीर नहीं हो सकता.
मनुष्य केवल संभावित रूप में जन्म लेता है. वह अपने और दूसरों के लिए एक कांटा बन सकता है, वह खुद और दूसरों के लिए एक फूल भी बन सकता है।
बीते हुए कल के कारण बेकार में बोझिल ना हों. जो पाठ आप ने पढ़ लिए हैं उन्हें बंद करते जाएं; बार-बार उन पर जाने की ज़रुरत नहीं है.
वो जो आपको दुखी बनाता है केवल वही पाप है. वो जो आपको खुद से दूर ले जाता है केवल उसी से बचने की ज़रूरत है.
जैसे-जैसे आप अधिक जागरुक होते जाते हैं इच्छाएं गायब होती जाती हैं. जब जागरूकता 100% हो जाती है, तब कोई इच्छा नहीं रह जाती.
सबसे ज्यादा गरीब वह है, जिसकी खुशियाँ दूसरों की अनुमति पर निर्भर करती है।
सत्य का पहला स्वागत विरोध से होता है।
जितने तुम चतुर होते जाते हो। उतना ही तुम्हारा हृदय मरता जाता है।
तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते है। जो की आप नहीं है।
नरक हमारी रचना है, और हम असंभव करने का प्रयास कर नरक बनाते हैं. स्वर्ग हमारी प्रकृति है, यह हमारी सहजता है. ये वो जगह है जहाँ हम हमेशा होते हैं.
सच्चा प्रेम अकेलेपन से बचना नहीं है, सच्चा प्रेम बहता हुआ अकेलापन है. अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बांटना चाहता है.
जब आप अलग हैं, तो पूरी दुनिया अलग है. ये दूसरी दुनिया बनाने का सवाल नहीं है. ये केवल एक अलग आप बनाने का सवाल है.
जिंदगी कोई मुसीबत नही है बल्कि ये तो एक खुबसूरत तोहफा है.