WhatsApp Forwarded Quotes In Hindi January
Some very good Whatsapp forwarded quotes collection
भरोसा और आशीर्वाद
कभी दिखाई नहीं देते ….
लेकिन
असंभव को संभव बना देते हैं ..!!
उगते सूरज और दौड़ते हुए घोड़े के चित्र लगाने से तरक्की नही होती,
तरक्की के लिए सूर्योदय से लेकर शाम तक घोड़े की भांति दौड़ना पड़ता है।
“बीता हुआ हर लम्हा
जिंदगी को समझने का
एक अच्छा मौका है,
और……
आने वाला हर लम्हा
जिंदगी जीने का
दूसरा मौका है।”
सब अच्छे हैं बस उसकी अच्छाइयों को बाहर निकालने की कला आनी चाहिये। जैसे भगवान का दर्शन करने के लिए पहले भक्त बनना पड़ता है, उसी तरह दूसरों की अच्छाइयों को बाहर निकालने के लिए पहले स्वयं अच्छा बनना पड़ता है । योगाभ्यास, भगवत स्मरण, सद ग्रंथों का स्वाध्याय इत्यादि हमारे भीतर के देवता को जगा देते हैं तभी हम दूसरों के अंदर के देवत्व को जगाने लायक बनते हैं जब ऐसा होता है तो लगता है कि सब अच्छे हैं । सारा संसार अच्छा है।।
फूल और पत्थर
हम अगर फूल पर पत्थर फेंके तो पत्थर का कुछ न बिगड़ेगा ,पर फूल टूट जाएगा ।फूल मुरझा जाएगा ,फूल के प्राण समाप्त हो जाएंगे ।
क्योंकि फूल जिंदा है ,फूल आकाश से जुड़ा हुआ है ,फूल में प्राण है ।
जबकि पत्थर तो मुर्दा है ,पत्थर सोया हुआ है ,पत्थर पृथ्वी से जुड़ा है ,पत्थर कठोर है ।ऐसे ही जब श्रेष्ठ और निकृष्ठ का मिलन हो तो निकृष्ठ जीत जाएगा और श्रेष्ठ का हारना तय है ,क्योंकि श्रेष्ठ कोमल है ,श्रेष्ठ जिंदा है ,श्रेष्ठ में प्राण है ,उसकी स्वास कहीं आकाश से जुड़ी है ।
ऐसे ही अगर हम भोजन बनाए बहुत सारा ,और वो खूब स्वादिष्ठ हो लेकिन उसको खराब करने के लिए एक मुठी रेत ही काफी है ।पाप और पुण्य के बीच अगर पाप भारी पड़ता दिखाई देता हो तो उसका कारण यही है कि पूण्य कोमल है ,पूण्य जीवित है ,पूण्य में प्राण है ।
कठोर तो मरा ही हुआ है ,निकृष्ठ में तो प्राण है ही नहीं ,पाप में तो स्वास ही नही है ।
फूल की तो अपनी प्रतिभा है ,फूल की तो अपनी गन्ध है ।जिसमें प्राण हो ,जिसकी अपनी कोमलता हो ,जो जीवित हो , उसका डर भी साथ बना ही रहता है ।जिसका जन्म हुआ है उसकी मौत तो निश्चित ही है ।
लेकिन जो मुर्दा ही है ,जो कठोर ही है ,उसको तो क्या ही नुकसान होगा ।
बहुत बार संसार मे स्त्री हारती हुई नजर आती है ,पुरुषत्व समाज में ।
उसका कारण यही है कि स्त्री कोमल है ,स्त्री ज्यादा भावुक है ,उसमे ज्यादा हृदय है ।वो ज्यादा जीवन्त है ,वो ज्यादा संवेदनशील है ।लेकिन इस भूल में न पड़ जाना कि उसकी कोमलता कमजोरी है ।
ब्लिक ये कोमलता तो उसके जीवित होने का प्रमाण है ।ये कोमलता तो उसके पूरे प्राणों की गवाही है कि वो जिंदा है ।ये कोमलता तो दर्शाती है कि वो हंस सकती है ,वो नाच सकती है ,वो सारे अस्तित्व में महक सकती है एक खिले ताजे फूल की तरह ।जबकि दूसरी और पुरुष कठोर है ,उसकी स्वास न के बराबर है ,उसके प्राणों का जुड़ाव आकाश से कम और पृथ्वी से ज्यादा है ,वो पूरा जीवित है ही नहीं ,वो मुर्दा है ।
इसलिए वो स्त्री को दबा सकता है ,इसलिए वो स्त्री को हानि पहुंचा सकता है ।मैं यहां स्त्री और पुरुष की बात नही कर रही ब्लिक एक तत्व है जो हर इंसान में होता है और वो है स्त्रीत्व और पुरुषत्व
जिसमे पुरुषत्व प्रधान है वहां स्त्रीत्व नीचे ही होगा । बहुत बार स्त्री शरीर मे भी पुरुषत्व प्रधान होता है और बहुत बार पुरुष शरीर मे भी कोमलता होता है ,हृदय होता है ,वहां स्त्रत्व की प्रधानता होती है ।
आप सब कोशिश करना कि जीवन भले थोड़ा मिले ,लेकिन कोमल होकर ही जीना ,भले चन्द स्वास ही नसीब हो ,पर हर स्वास को आकाश से जोड़ना ।
अपने पूरे प्राणों में हंसी को जोड़ देना ,अपने हर प्राण में प्रेम की सुवास बहने देना ।बन जाना वो फूल जो महक सके और पूरे आकाश में अपनी खुसबू बिखेर सके ।याद रखना कि जड़ नही बनना है ,पत्थर की तरह मजबूत नही बनना है ।क्योंकि मजबूत होना और शक्ति शाली बनना तो अहंकार के लक्षण है ।
जो व्यक्ति जितनी शक्ति चाहेगा वो उतनी ही मात्रा में मुर्दा होगा ।जो व्यक्ति जितनी मजबूती चाहेगा वो इतना ही मुर्दा होगा ,उसके उतने ही प्राणों में स्वास कम होगी ।
जीवन तो कोमलता और सरलता के साथ ही है ।
कठोरता और मजबूती तो मुर्दा में ही होती है ,वहां जींवत्ता तो होती ही नहीं ।अगर तुम्हें जीवित होने है अगर तुम जीवन चाहते हो तो याद रखना ,जीवन कठोर होकर नहीं ब्लिक कोमल होकर ही प्राप्त होगा क्योंकि कठोरता में और पथतर में तुम्हे जीवन का संगीत न मिलेगा ।
तुम्हारी मजबूती तुम्हे जीवन न दे सकेगी ,वो तुम्हे मुर्दा बनाए रखेगी ,वो तुम्हे फूलो की तरह महकने न देगी ,वो तुम्हे खिल खिलाने न देगी ,तुम्हारी शक्ति तुम्हे खुलकर जीने न देगी ,तुम्हारे पद ,तुम्हारे धन ,तुम्हारा नाम ,ये सब तो मुर्दा ही बनाए रखेंगे ।जीवन तो रहस्य मे है ,जीवन तो अनजान या बेनाम होने में है ,जीवन तो मोन में है ।तूम अपने होने का जितना शोर मचाओगे उतना ही तुम मुर्दा होंगे
पेड़- पौधे,नदी- झरने ये सब तो मोन में ही विकसित होते हैं ।